जैविक खेती के लाभ
खेती दो प्रकार की होती है :
जैविक खेती
अजैविक खेती
अजैविक से किसानों को अधिक पैदावार तो मिलती है पर इससे जमीन , पशु और इंसान सब को ही नुकसान है | इस खेती में उर्वरक और कीटनाशकों को उपयोग में लिया जाता है जिससे पारिस्थितिक संतुलन बनता है और मिट्टी के गुण धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं और यही नहीं आज हमें जिन भी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है उसका श्रेय भी और अजैविक खेती को ही जाता है , तो इन बढती बीमारियों का एक ही समाधान है जैविक खेती जो पहले की जाती थी। अजैविक खेती से हमें बहुत नुकसान होता है क्योंकि किसान जो रसायन मिट्टी में मिलाता है अपनी पैदावार को बढ़ाने के लिए वो सीधा हमारे पेट में जा रही हैं क्योंकि वह फसल भी हम ही खा रहे हैं और यही नहीं जो डंठल बच जाते हैं वह पशुओं को चारे के रूप में खिला दिया जाता है जो उन्हें भी नुकसान करता है और हमें भी क्योंकि उसी चारे को खाकर दूध, घी बनता है जो हम उपयोग में लेते हैं और अजैविक खेती का हर तरह से नुकसान सिर्फ इंसान को ही ज्यादा है । हमें वही वापस मिल रहा है जो हम प्रदान कर रहे हैं और कीटनाशकों से नुकसानदायक कीट तो मरते ही हैं फायदेमंद कीट भी मर जाते हैं जिससे संतुलन खराब हो रहा है।
जैविक खेती क्या है :
इसमें कोई भी रसायन का उपयोग नहीं किया जाता जैसे अजैविक उर्वरक और अजैविक खाद । इसमें जैविक खाद, वर्मी खाद ,हरी खाद का उपयोग होता है। इससे पर्यावरण को कोई भी नुकसान नहीं होता । आजकल मात्रा की तुलना में गुणवत्ता ज्यादा मायने रखती है और जैविक खेती हमें दुष्प्रभावों से बचाती है और पाचन तंत्र मजबूत बनाती है। और यही नहीं जैविक खेती से किसान का आर्थिक स्तर भी सुधरता है क्योंकि यह पैदावार दोगुने दामों पर बिकती है क्योंकि इसकी जरूरत को लोग समझने लगे हैं और इसकी मांग भी बढ़ गई है और लोग अजैविक फल सब्जियां खरीदना भी बंद कर रहे हैं । इससे किसानों का एक फायदा यह भी है कि उर्वरक घर पर ही तैयार की जाती है तो खर्चा भी कम होता है और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने ‘ परंपरागत कृषि विकास योजना ‘ और किसानों को 75% तक सब्सिडी भी दी जा रही है । इससे छोटे किसानों को भी बहुत मदद मिलती है क्योंकि यह आय बढ़ाने का बहुत अच्छा मौका है और सेहत से भी समझौता नहीं करना पड़ता।
