एफपीओ के माध्यम से किसानों को मिलने वाले लाभ
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- March 6, 2022
एफपीओ के माध्यम से किसानों को मिलने वाले लाभ
भारत में किसान धीरे–धीरे खेती करना छोड़ रहे हैं, जिससे किसानों की संख्या कम होती जा रही है। जिसका मुख्य कारण किसानों को उचित लाभ न मिलना है| खेती में किसानों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है| मार्च 2016 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की कृषि–नीति में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने की घोषणा की थी| इस घोषणा के अनुसार भारत की कृषि–नीति का मुख्य लक्ष्य 2022 तक अनाज का उत्पादन बढ़ाकर किसानों की आमदनी दुगुनी करना है| मोदी सरकार इलैक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय मंडी (eNAM) स्थापित करने पर काम कर रही है, और इस योजना के अंतर्गत देश की एक–तिहाई विनियमित थोक मंडियों को सूचीबद्ध कर लिया गया है| इसे और अधिक संभव बनाने के लिए स्थानीय या क्षेत्रीय स्तर पर कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) के गठन की आवश्यकता है, ताकि एक हज़ार से भी अधिक किसान, मंडियों तक अपनी पहुँच बना सकें और बेहतर दाम प्राप्त कर सके|
किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से जहां किसान को अपनी पैदावार के सही दाम मिलते हैं, वहीं खरीदार को भी उचित कीमत पर वस्तु मिलती है। वहीं यदि अकेला उत्पादक अपनी पैदावार बेचने जाता है, तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, उत्पाद की बर्बादी कम होती है, अलग–अलग लोगों के अनुभवों का फायदा मिलता है।
एफपीओ छोटे किसानों को उचित दर पर बीज, उर्वरक, प्रौद्योगिकी अधिक विश्वसनीयता,आवश्यक मशीनरी प्रदान करेगा और यह किसानों के लिए बेहतर आय सुनिश्चित करेगा।