एफपीओ क्या है और इसकी शुरुआत क्यों ,कैसे ,और कब हुई ?

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  • anil
  • March 24, 2022

एफपीओ क्या है और इसकी शुरुआत क्यों ,कैसे ,और कब हुई ?

एफपीओ का पूरा नाम है फार्मर्स प्रोड्यूसर्स आर्गेनाइजेशन(किसान उत्पादक कंपनी) यह कंपनी एक्ट ,1956 के साथ पजीकृत है । भारत सरकार सभी किसानों को एकत्र कर समूह बनाकर जोड़ना चाहती है जिससे सभी किसानों को लाभ मिले ।

अब बात यह आती है की लाभ कैसे मिलेगा , लाभ सिर्फ तभी मिल सकता है जब सभी किसान एकत्र होकर एक कंपनी की तरह काम करें जैसे – एक कंपनी अपना उत्पाद बनाकर बेचती है और कच्चा माल खरीदती है जिससे उसे बहुत फायदा होता है क्योंकि चीजें सस्ते में मिलती हैं और बहुत सारी होने के कारण महंगी बिकती है, किसान भी वही करें जिससे उन्हें बेचने में और खरीदने में आसानी हो ।अब बात यह आती है कि आसानी कैसे होगी , तो अगर हम सामान्य रूप से बात करें तो एक किसान को अगर कुछ भी खरीदना होता है तो वह क्या करता है दुकान पर जाकर खरीद लेता है जिससे क्या होता है कि उससे एक तो महंगा पड़ता है और दूसरा कि उसे कभी-कभी चीज मिलना भी मुश्किल हो जाता है जैसे खाद , बीज , उर्वरक। पर वही अगर एक समूह बनाकर किया जाए एक कंपनी की तरह तो एक अच्छा तालमेल बैठ जाता है और चीज़ मिलने में आसानी होती है दुकानदार उसे अपना पक्का ग्राहक समझ लेता है और डिस्काउंट भी देता है और चीज जल्दी उपलब्ध करवाता है , यही नहीं चीजें बेचने में भी आसानी होती है अभी किसान क्या करता है कि अपनी उगाई हुई फसल को लेकर जाता है दुकानदार के पास पर यही अगर एक समूह बनाकर एक कंपनी बनी हो तो लोग खुद चलकर आते हैं आपसे खरीदने के लिए आप और अच्छे दाम भी मिलते हैं और इससे बिचौलियों का झंझट भी खत्म हो जाता है। कंपनी के साथ अपनी फसल के दामों का हिसाब किताब भी किसान खुद संपर्क करके कर सकते हैं और इसमें दलाल का कोई योगदान नहीं होगा यह किसानों को आत्मनिर्भर भी बनाएगा और यही नहीं किसान बेचने के बजाय अपने खुद का उत्पादन भी करने का मौका मिलेगा और यही नहीं जिन भी समस्याओं का किसान सामना कर रहा है अगर वह समस्या एक समूह बनाकर सरकार के सामने लाई जाए तो उसका समाधान जल्दी किया जाएगा। एफपीओ आपको नई तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त कराएगा , प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और आपको जो यंत्र खेती-बाड़ी में चाहिए वह उपलब्ध नहीं हो रहा है या कुछ किसानों को उसे उधार लेकर काम चलाना पड़ता है वह खुद को उपलब्ध कराया जाएगा इससे हर छोटे और बड़े किसान को फायदा मिलेगा। किसानों की आय भी दुगनी चौगुनी हो जाएगी।

बात आती है कि खुद को इसके साथ कैसे रजिस्टर कराएं तो हर जगह का एक अपना एफपीओ बनेगा और सरकार की योजना है कि वह पूरे देश में कम से कम 10000 एफपीओ बनाएं और यही नहीं सरकार खुद उसमें निवेश भी करेगी अब बात आती है कि कैसे करेगी और कब करेगी तो इसके लिए किसानों को खुद ही पहल करनी पड़ेगी और कंपनी में 500 या 1000 जितना किसान की इच्छा हो उतने उतने का निवेश करना होगा जिससे कि वह कंपनी का शेयर खरीद लेगा और इससे क्या होगा कि आपको जो साल भर का मुनाफा कंपनी को होगा उसकी भागीदारी भी मिलेगी और सरकार के द्वारा दी गई जितनी भी नई योजनाएं होंगी उससे भी आपको जोड़ा रखा जाएगा और इसका आपको ज्यादा लाभ मिलेगा। भारत सरकार का यही सपना है कि हर छोटा या बड़ा किसान देश की शान बने और इसी के लिए एफपीओ से पहल की जा रही है। एफपीओ आपको हर जरूरी चीज उपलब्ध कराएगा जैसे आपके पास कोई मशीन नहीं है तो वह उपलब्ध कराएगा बीज उपलब्ध कराएगा उर्वरक उपलब्ध कराएगा और आपको वित्तीय समस्याओं में भी मदद करेगा। और अगर पूरे देश का आकलन किया जाए तो 80% से भी ज्यादा किसानों के पास सिर्फ 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है जिससे जब वह फसल बेचने जाता है तो उसे दाम कम मिलता है और चीजें खरीदने में कठिनाई होती है पर यही अगर समूह बना हो और वह कोई चीज बेचे तो दाम अच्छे मिलते हैं और किसानों को इससे मदद भी मिलती है अगर किसानों को आगे बढ़ना है और अपनी आमदनी बढानी है तो उसे एफपीओ के साथ जुड़ना होगा और पहल करनी होगी समूह बनाने के बाद एक किसान कमजोर नहीं रहता और मजबूत बनता है जिससे सरकार को भी हर समस्या की सुनवाई करनी पड़ती है। यह किसानों की सहायता के लिए बनाया जा रहा है जिससे आज का छोटा किसान जो भी समस्याओं का सामना कर रहा है उसका समाधान कर सके।