कृषि जैव ऊर्जा और जैविक खेती

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  • anil
  • March 31, 2022

कृषि जैव ऊर्जा और जैविक खेती

जैव ऊर्जा एक एसी ऊर्जा है जिसके स्त्रोत कभी खत्म नहीं हो सकते। यह है नवीनीकरण ऊर्जा है यानी इसका कोई अंत नहीं है यह बार-बार बन सकती है। जैव ऊर्जा बनाने में पेड़-पौधों एव प्राणियों के उत्पादों को उपयोग में लिया जाता है। जैव ऊर्जा एक ऐसा स्त्रोत है जो कभी नष्ट नहीं हो सकता जैसे पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, जैव ऊर्जा पर कुछ ऊर्जा ऐसी भी होती है जो हमारे पास सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है और ज्यादा उपयोग करने पर भविष्य में यह खत्म हो सकती हैं जैसे पेट्रोल,डीजल, कोयला इत्यादि।

इसलिए अब हमें जैव ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि इससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं है और प्रदूषण भी कम होता है और यही नहीं यह बाकी के मुकाबले सस्ती भी होती है। जब तक हमारे पास प्रकृति है तब तक जैव ऊर्जा हमें मिलती रहेगी।

जैव ऊर्जा तीन प्रकार में मिलती है:

  • गोबर गैस (बायोगैस)

  • बायोडीजल

  • बायोएथेनॉल

गोबर गैस

यह किसानों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण एवं फायदेमंद चीज है। इसके प्लांट से न केवल गैस बनती है बल्कि इससे खाद भी तैयार होती है जिससे कम कीटनाशक और उर्वरक का इस्तेमाल करना पड़ता है। इस गैस को एलपीजी गैस की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे खर्चा भी बचता है और यह पर्यावरण के अनुकूल है और यही नहीं क्योंकि यह गैस जैविक चीजों से तैयार किया गया है तो इस से तैयार की गई चीजों से सेहत भी अच्छी बनी रहती है । यह गैस नुकसानदायक नहीं है और इसका यह भी फायदा है अगर यह खुला रह जाए तो आग लगने का डर नहीं होता लेकिन एलपीजी सिलेंडर अगर रसोई में खुला रह जाए तो पूरे घर में आग लगने का डर रहता है। इससे गोबर का भी समाधान हो जाता है और सहायता भी होती है। ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती और अच्छा इस्तेमाल हो जाता है। गोबर से गैस और खाद तैयार करने के लिए आपको इसका प्लांट लगवाना पड़ेगा जिसका एक बार तो खर्चा आएगा पर बाद में आपको एलपीजी सिलेंडर की जरूरत नहीं पड़ेगी और इसे जैविक खेती करने में भी लाभ होगा क्योंकि खाद आपको तैयार करने की मेहनत नहीं करनी पड़ती अपने आप तैयार हो जाती है।

बायोडीजल

यह जैविक चीजों से प्राप्त किया जाता है। यह वनस्पति तेल , पशुओं के वसा, तेल और खाना पकाने के अपशिष्ट (बेकार) तेल से बनाया जा सकता है। यह विषैला नहीं होता और जैवनिम्नीकरणीय (बायोडिग्रेडेबल) है जिससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता यह विभिन्न प्रकार के साधनों में उपयोग किया जा सकता है और डीजल का एक अच्छा और सस्ता विकल्प भी है ।यह किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह खेती में काम आने वाले सारे साधनों में प्रयोग किया जा सकता है और सुरक्षित भी है । यह डीजल को बदलने का अच्छा स्त्रोत है और क्योंकि यह जैविक चीजों से बनता है तो किसानों के लिए एक फायदा यह भी है कि इससे फसलों की मांग और बढ़ जाएगी और कीमत भी अच्छी मिलेगी क्योंकि आने वाले समय में यही प्रयोग होगा । यह नवीकरण है इसमें जिस फसल के उत्पादों की जरूरत होती है उनमें से कुछ है गन्ना , सूर्यमुखी , सोयाबीन , करंज आदि।

बायोएथेनॉल

यह बहुत सारे काम आता है जैसे पेट्रोल के साथ मिलाकर मोटर वाहनों के ईंधन के रूप में प्रयोग में लिया जाता है। यह किसान और देश को आत्मनिर्भर भी बनाता है ।यह पर्यावरण के अनुकूल है। यह बायोमास से बनता है और पेट्रोल के साथ मिलाया जाता है जो कि ईंधन के पूर्ण दहन में दहन मदद करता है। इसमें चीनी उत्पादों की जरूरत होती है उनमें से कुछ है गन्ना , शीरा , मक्का और चावल आदि। यह किसानों को प्रेरित और प्रोत्साहित करता है। इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी ।इससे कचरे का भी समाधान होता है और प्रदूषण भी कम होता है ।यह नवीकरण है । कुछ जगह के किसानों ने खुद को आधुनिक बनाया और वहा ऐसा  है कि जो इथेनॉल किसान तैयार कर रहे हैं सिर्फ उनसे बसें भी चल रही है ,बिना पेट्रोल- डीजल डालें जिससे ना कोई ध्वनि प्रदूषण होता है और ना ही वायु प्रदूषण।

किसानों को इसकी पूर्ण जानकारी लेनी चाहिए और खुद को आधुनिक बनाना चाहिए । सरकार किसानों को जैविक खेती और जैव उत्पादों के लिए प्रेरित कर रही है और इसके अच्छे दाम भी उपलब्ध करा रही है ।यही नही जैव उत्पाद और जैव खेती से किसानों को कचरे का समाधान भी मिल जाता है जैसे गन्ने , मक्की , चावल के छिलके या लकड़ी के बुरादे सभी काम आ जाते हैं और किसान के लिए सिर दर्द भी खत्म हो जाती है कि इन्हें कहां फैंके । इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा इससे देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी और किसानों को आगे बढ़ने का मौका भी दिया जा रहा है।